Tuesday, March 17, 2015

जीवन का संघर्ष

जीवन का संघर्ष

अपने आप से लड़ रहा हूँ या दुनिया से
हारने जीतने के बाद पता चलेगा
कभी खुद को ही पाता हूँ दोनो तरफ
तो कभी दुनिया को
कभी दुनिया का रूप लेता हूँ मैं
तो कभी दुनिया ले लेती है मेरा रूप
इस अंतर्द्वंद में
परिणाम की किसको है फ़िक्र
ये तो है जीवन का संघर्ष|
ये तो है जीवन का संघर्ष||

जीता तब भी पाया हार गया हूँ
हारा तो पाया अभी तो लड़ ही रहा हूँ
आएने ने दीखाए अनेको चेहरे
कभी खुद को तो कभी दुनिया को आएने में पाया
तोड़ दूं गर शीशा तो
उन बिखड़े टुकड़ो में अपना ही क्षत-विक्षत चेहरा नज़र आया
दुनिया हँसी मुझपर
पर मैने खुद को अंत में विजेता पाया
ये तो है जीवन का संघर्ष|
ये तो है जीवन का संघर्ष||

तोड़ दो ये बंधन
कर दो सब कुछ एक
हारो तो अपने आप से
जीतो तो जीतो अपने आप से
तुम्हारे जीवन की अनगिनत घटनायें है ये
क्यूंकी ये तो है
तुम्हारे जीवन का संघर्ष|
तुम्हारे जीवन का संघर्ष|